शुक्रवार, 12 सितंबर 2008

शेयर्स और मुनाफ़ा


जगदीश जैन

`चिड़िया, शेयर्स में दलाल, कंपनीज़ और इन्वेस्टर्स का खेल है. दलाल तो अपने बाप को भी न छोड़ेगा, कंपनीज़ घाटे का सौदा क्यों करेंगी? इन्वेस्टर्स किताब पढ़-पढ़कर मुनाफ़ा कमा लेंगे. अब तुम यह तो बताओ कि फिर धन आ कहाँ से रहा है?'
इस पर चिड़िया खूब ही हँसी और बोली,`चिड़े, तुमने तो आज कमाल का सवाल पूछा है. चिड़े, व्हेल छोटी फिश को खा-खा कर ही बड़ी होती है. शेयर्स के धंधे मे दलाल और कंपनीज़ व्हेल हैं और इन्वेस्टर्स फिश. अन्त:तोग्त्वा इन्वेस्टर्स को दलाल और कंपनीज़ के उदर में समा जाना है, तभी तो भारत में करोड़पति बढ़ेगें.'

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